दिल्ली सरकार द्वारा मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए फोन का बजट बढ़ाया गया है. इस पर आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाए तो मंत्री आशीष सूद ने पलटवार किया. उन्होंने केजरीवाल सरकार पर हमला बोला और कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों ने तय लिमिट से ज्यादा कीमत के फोन खरीदे. सबूत मिटाने के लिए कई-कई फोन खरीदे. मंत्री आशीष सूद ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने खुद ही कहा है कि वह बेरोजगार है और काम चाहिए, इसीलिए रोज आरोप लगाते रहते हैं.

मंत्री आशीष सूद ने कहा, ये लोग कभी मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हैं, कभी उनके परिवार के बारे में कुछ बोलते हैं. हम आम आदमी पार्टी की टिप्पणी का जवाब देने के लिए बाध्य नही हैं. हमें काम करना है. इसलिए हमने कभी जवाब नहीं दिया लेकिन 2 दिन पहले दी गई टिप्पणी हमारी सरकार पर थी.

इनकी असलियत खोलने के लिए बात करने आया हूं

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का आरोप है कि सरकार के मंत्री फोन को लेकर बहुत ज्यादा पैसे खर्च रहे हैं. यह सरकार पर आरोप है इसके लिए जवाब देना जरूरी है. मंत्री और जनप्रतिनिधि भी मोबाइल फोन पर सरकार का काम करते हैं और जनता का काम करते हैं. में जवाब देने की जरूरत नहीं है मगर इनकी असलियत खोलने के लिए इस मोबाइल के विषय पर बात करने आया हूं.

मंत्री आशीष सूद ने कहा, आम आदमी पार्टी के नेता ही अरविंद केजरीवाल के सच को उजाग करने के लिए ऐसे मुद्दे छोड़ देते हैं. 2013 का सर्कुलर था, उसमें बढ़ोतरी करके 1.5 लाख किया गया है. 2013 से 2025 आते-आते बदलाव किया गया है. CPI के आधार पर जो बदलना चाहिए था वो बढ़ा दिया गया. सिर्फ हमारे एक ही मंत्री ने पैसा क्लेम किया है बाकी तो किसी ने किया भी नहीं.

81000 का फोन लिया है जबकि लिमिट 50000 की थी

मंत्री आशीष सूद ने कहा, आम आदमी पार्टी के बेरोजगार नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को निपटाने के लिए ऐसे मुद्दे उठाकर लेकर आते हैं. मोबाइल एक जरूरत है. मोबाइल एक चलता फिरता ऑफिस है जनप्रतिनिधि के लिए. अरविंद केजरीवाल ने खुद 4 बार लेटेस्ट फोन लिया. पहले 81000 का फोन लिया है जबकि लिमिट थी 50000 की.

फिर 1,63,000 का फोन लिया जबकि अनुमति 50000 की थी. 4 बार नया मोबाइल अरविंद केजरीवाल ने लिया. जबकि अनुमति की राशि से दोगुनी तीन गुनी राशि वाला. आशीष सूद ने कहा कि कोविड के दौरान भी आईफोन खरीदे. बड़े शौकीन मिजाज आदमी हैं केजरीवाल.