गोल्ड स्मगलिंग मामले में नया मोड़ रान्या राव का नाम सामने आया, पर असली अपराधी तरुण

कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव के गोल्ड स्मगलिंग मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. गोल्ड स्मगलिंग की पूरी कहानी में अब नया किरदार सामने आया है. डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने अब सामने रख दिया है कि इस पूरे सोने के खेल के पीछे रान्या राव अकेली नहीं थी, बल्कि तरुण कोंडुरु राजू भी शामिल था. डीआरआई के नए खुलासे के बाद सामने आया है कि एक्टर रान्या राव तो सिर्फ पयादा थी, बल्कि पूरा गेम तो तरुण का था.
सोने की तस्करी के मामले में रान्या राव सुर्खियों में बनी हुई हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने दुबई से सोने की तस्करी की और वो जब बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचीं तो उन्हें एयरपोर्ट पर ही गिरफ्तार किया गया था. जांच के दौरान एक्ट्रेस के पास से 12.56 करोड़ रुपये मूल्य की सोने के बार जब्त किए गए.
तरुण कोंडुरु राजू का नाम आया सामने
डीआरआई के अनुसार, कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव को दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तरुण कोंडुरु राजू से तस्करी का सोना मिला था. तरुण राजू का कनेक्शन भी फिल्मी दुनिया से है. उन्होंने एक बार तेलुगु फिल्म में काम किया. तरुण अमेरिका के नागरिक हैं. डीआरआई ने बुधवार को उसकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए एक विशेष अदालत के सामने दलील दी. डीआरआई ने बताया कि तरुण ने अपने अमेरिकी पासपोर्ट का “दुरुपयोग” किया और गोल्ड स्मगलिंग के मिशन को पूरा करने के लिए तरुण ने एक अहम “इंटरनेशनल लिंक” के रूप में काम किया. आर्थिक अपराध की विशेष अदालत के जज विश्वनाथ चन्नबसप्पा गौदार ने गुरुवार को जमानत खारिज करने के आधारों का विवरण देने वाला एक आदेश जारी किया.
तरुण ने कैसे दिया तस्करी को अंजाम
गोल्ड स्मगलिंग की इस पूरी गुत्थी को सुलझाने में जहां अभी तक मुख्य किरदार सिर्फ रान्या राव का सामने आ रहा था. वहीं, अब तरुण को लेकर डीआरआई ने बड़ी खुलासा किया है. डीआरआई ने अदालत को बताया कि आरोपी नंबर 2 तरुण, 3 मार्च को हैदराबाद से दुबई गया था. तरुण का दुबई जाने का एक ही मकसद था, वो था रान्या राव को गोल्ड देना और यह काम करने के बाद वो उसी दिन हैदराबाद वापस आ गया.
संदिग्धों का प्लान था कि वो सोने को स्विट्जरलैंड के जिनेवा और थाईलैंड के बैंकॉक में एक्सपोर्ट करेंगे, लेकिन इसके बजाय दुबई सीमा शुल्क को पार करने के बाद वो इसे भारत में तस्करी कर के ले आए. अदालत ने कहा कि यह तरुण की अमेरिकी नागरिकता का दुरुपयोग करके किया गया था. उसकी अमेरिका की नागरिकता के चलते वो बिना वीजा के जिनेवा और बैंकॉक जा सकता है और तरुण के ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड का भी इस्तेमाल किया गया था.
अदालत ने जमानत याचिका की खारिज
आरोपी तरुण की उम्र 36 साल है. तरुण को डीआरआई ने 9 मार्च को गिरफ्तार किया था, जिसके 6 दिन बाद उन्होंने कथित तौर पर रान्या को बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 12.56 करोड़ रुपये के छिपे हुए सोने के साथ रंगे हाथों पकड़ा था. अदालत ने पाया कि डीआरआई ने दावा किया कि है तरुण एक असफल तेलुगु एक्टर हैं. साथ ही भारत में सोने की तस्करी करने के लिए रान्या राव ने जिस इंटरनेशनल लिंक का इस्तेमाल किया वो तरुण ही था.
डीआरआई के इस दावे पर कि तरुण ने अपनी अमेरिका की नागरिकता और ओसीआई कार्ड का गलत इस्तेमाल किया. कोर्ट ने कहा, डीआरआई का यह दावा अदालत को कार्यवाही के इस समय में सीमा शुल्क (4.83 करोड़ रुपये) के भुगतान से बचकर भारत सरकार को धोखा देने के आरोपी नंबर 2 तरुण के आपराधिक इरादे को जानने के लिए लिए प्रेरित करता है.
कोर्ट ने कहा, यह तथ्य है कि तरुण ने आरोपी रान्या राव को उकसाया और उसकी सहायता की. इसी आधार पर कोर्ट ने तरुण की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने इस आधार पर भी भरोसा किया कि तरुण ने रान्या के साथ इससे पहले 25 बार दुबई की यात्रा की थी और दोनों जिस दिन साथ में दुबई गए थे, उसी दिन लौट आए थे.
तरुण के वकील ने क्या कहा?
तरुण के वकील ने तर्क दिया कि उनके परिवार की बेंगलुरु में गहरी जड़ें थीं, भले ही वो अमेरिकी में पैदा हुए थे और उनका क्राइम का कोई पिछला इतिहास नहीं है. उन्होंने यह भी दावा किया कि तरुण पूरी तरह से जांच का सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
उनके वकील ने यह भी खुलासा किया कि रान्या और तरुण ने साल 2023 दुबई में एक वीरा डायमंड्स नाम से स्टोर शुरू किया था, लेकिन पूरे एक साल के बाद दिसंबर 2024 में, वो वीरा डायमंड्स से बाहर निकल गए थे. डीआरआई ने तरुण की जमानत का कड़ा विरोध किया था और दावा किया था कि रान्या से जब्त किए गए डिजिटल सबूतों के फोरेंसिक विश्लेषण से पता चला है कि तरुण की इस केस में सक्रिय भूमिका थी,