दिल्ली में AAP पर नया संकट: बारापुला फेज-3 घोटाले को लेकर सीएम रेखा गुप्ता के ऐलान से सियासी हलचल तेज
Delhi CM Rekha Gupta: दिल्ली की पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आतिशी एक बार फिर विवादों में घिरती नजर आ रही हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बारापुला एलिवेटेड रोड फेज-3 परियोजना में कथित अनियमितताओं को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) से जांच कराने का फैसला किया है। यह मामला 175 करोड़ रुपये के विवादित भुगतान से जुड़ा है। जो आतिशी के कार्यकाल में ठेकेदार कंपनी को किया गया था।
वित्त व्यय समिति की बैठक में सामने आई लापरवाही
सोमवार को दिल्ली सरकार की वित्त व्यय समिति की बैठक में इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा की गई। इस दौरान सामने आया कि परियोजना को लेकर पिछली सरकार की गंभीर लापरवाही के चलते ठेकेदार कंपनी को 175 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा। समीक्षा बैठक में लोक निर्माण विभाग (PWD) की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए। बैठक में मंत्री प्रवेश वर्मा भी मौजूद थे। इस दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने कहा "बारापुला फेज-3 परियोजना का अधूरा निर्माण और उसमें हुआ भारी भुगतान पिछली आम आदमी पार्टी सरकार की घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार का जीवंत उदाहरण है।"
अक्टूबर 2017 में पूरी होनी थी परियोजना
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि यह परियोजना अक्टूबर 2017 तक पूरी होनी थी, लेकिन समयसीमा बार-बार आगे बढ़ती गई और अंततः मामला मध्यस्थता (Arbitration) में पहुंच गया। मध्यस्थता में ठेकेदार के पक्ष में फैसला आया और उसे 120 करोड़ रुपये भुगतान का आदेश मिला। सरकार ने यह राशि समय पर नहीं दी। जिसके चलते कंपनी ने हाईकोर्ट का रुख किया। मई 2023 में कोर्ट ने ब्याज और जीएसटी समेत कुल 175 करोड़ रुपये भुगतान का आदेश दिया।
पुर्नविचार याचिका डाली न किसी पर कार्रवाई
रेखा गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया कि पिछली आप सरकार ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं की। इसके साथ ही किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई भी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि यह लापरवाही उस समय के पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी की सीधी जिम्मेदारी थी। सरकार की ओर से 175 करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने के कारण पीडब्ल्यूडी की अन्य योजनाएं भी प्रभावित हुईं।
समझौते का अवसर गंवाने का आरोप
मुख्यमंत्री ने यह भी खुलासा किया कि उस वक्त ठेकेदार कंपनी विवाद निपटारे के लिए 35 करोड़ रुपये में समझौते को तैयार थी, लेकिन यह मौका गंवा दिया गया और मामला अदालत तक पहुंच गया। इससे न सिर्फ सरकार की छवि धूमिल हुई, बल्कि जनता के पैसे की भी बर्बादी हुई। रेखा सरकार ने अब इस मामले की जांच एसीबी से कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री गुप्ता ने बताया कि इस मामले में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। इसके लिए सतर्कता जांच की शुरुआत की जा रही है और जांच की फाइल जल्द ही उपराज्यपाल (एलजी) को मंजूरी के लिए भेजी जाएगी।
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?
वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा सरकार की ‘राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई’ करार दिया है। पार्टी ने एक बयान में कहा कि भाजपा की सरकार विकास कार्यों में विफल रही है और अब वह जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी ने कहा "आप जिसे चाहें जेल भेज दें, जितने चाहें केस कर लें, लेकिन सच्चाई यही है कि कुछ भी गलत नहीं हुआ।” फिलहाल, इस मामले ने दिल्ली की राजनीति में नया बवाल खड़ा कर दिया है और यह देखना दिलचस्प होगा कि एसीबी की जांच में क्या निष्कर्ष सामने आता है।