दिल्ली को मिली 400 नई इलेक्ट्रिक बसें, ‘देवी योजना’ के तहत होगी शुरुआत

दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को सुलभ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरकनेक्टर योजना (DEVI Yojana) के तहत 400 नौ मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसें शुक्रवार से राजधानी की सड़कों पर उतरेंगी। इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से घनी आबादी वाले मोहल्लों और संकरी गलियों वाले इलाकों में अंतिम मील की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है।
शुभारंभ कार्यक्रम और प्रमुख हस्तियां
इन बसों को कुशक नाला डीटीसी डिपो से हरी झंडी दिखाई जाएगी। कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय राज्य परिवहन मंत्री हर्ष मल्होत्रा और दिल्ली के परिवहन मंत्री पंकज सिंह शामिल होंगे। यह कार्यक्रम पहले 22 अप्रैल को होना था, लेकिन पोप फ्रांसिस के निधन के बाद घोषित राष्ट्रीय शोक के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
क्या है ‘देवी योजना’?
इस योजना की शुरुआत तीन साल पहले आम आदमी पार्टी की सरकार में 'मोहल्ला बस परियोजना' के रूप में हुई थी। अब नई भाजपा सरकार ने इसे नया नाम और पहचान देकर लागू किया है। ‘देवी’ योजना का उद्देश्य है कि हर नागरिक को उसके घर से 500 मीटर के दायरे में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिले, जो कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।
रूट, सुविधाएं और उद्देश्य
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ज्यादातर बसें गाजीपुर डिपो से चलेंगी और औसतन 12 किलोमीटर लंबे रूट पर दौड़ेंगी।
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ये बसें विशेष रूप से संगम विहार, बुराड़ी, उत्तम नगर और अन्य अवैध कॉलोनियों में चलाई जाएंगी, जहां अब तक बड़ी 12 मीटर लंबी बसें नहीं पहुंच पाती थीं।
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बसें पूरी तरह इलेक्ट्रिक होंगी, जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा और शोर भी नहीं होगा।
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टिकटिंग सिस्टम मोबिलिटी कार्ड्स के अनुकूल होगा, जिससे यात्री आसानी से यात्रा कर सकेंगे और भुगतान प्रणाली भी डिजिटल होगी।
परिवहन मंत्री की बात
परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि दिल्ली में कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक परिवहन तक पहुंचने के लिए 500 मीटर से ज्यादा न चले।" यह योजना खासकर उन इलाकों के लिए बनाई गई है, जहां आमतौर पर परिवहन सेवाएं सीमित हैं।
‘देवी योजना’ दिल्ली के लिए एक बड़ी सौगात है, जो न केवल जनता को राहत देगी बल्कि शहर की हर गली-मोहल्ले तक ईको-फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट पहुंचाएगी। आने वाले समय में यह पहल राजधानी के ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करने में भी अहम भूमिका निभा सकती है।