शनिदेव की पूजा कैसे करें? यहां जानें सही तरीका, नियम और जरूरी बातें, बनी रहेगी न्याय के देवता की कृपा

शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है, क्योंकि वह व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देते हैं. शनि देव का नाम सुनते ही लोग अक्सर डर भी जाते हैं. अगर कुंडली में शनि नकारात्मक प्रभाव में हो, तो यह जीवन में अनेक कठिनाइयां बढ़ा देता है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए किस विधि से पूजा करनी चाहिए, पूजा का सही तरीका क्या है और इससे आपको किस प्रकार लाभ प्राप्त हो सकता है. इस बारे में बता रहे हैं .
अगर आप शनिदेव को प्रसन्न कर लें, तो जीवन के कष्टों में कमी आ सकती है और करियर व धन संबंधी मामलों में सफलता मिल सकती है. अगर आपके करियर या धन के मामलों में रुकावटें आ रही हैं, तो शनिदेव की पूजा करके आप इन्हें दूर कर सकते हैं. शनि के कारण जीवन में कष्ट हैं और आप श्रद्धा भाव से सही विधि से पूजा करते हैं, तो जीवन में राहत अवश्य मिलेगी. अब जानते हैं कि शनिदेव की पूजा करते समय किन सावधानियों का पालन करना चाहिए.
किन बातों का रखें ध्यान?
अगर प्रतिमा में शनि की आंखें बनी हों, तो प्रत्यक्ष रूप से उनकी मूर्ति के सामने खड़े होकर पूजा करने से हानि हो सकती है. शनि देव की पूजा शनि की मूर्ति के सामने न करें.
शनि देव की पूजा उसी मंदिर में करन चाहिए, जहां वह पत्थर (शीला) के रूप में हों, मूर्तिरूप में नहीं.
शनि की पूजा करने के लिए आप प्रतीक के रूप में शमी के वृक्ष या पीपल के वृक्ष की पूजा कर सकते हैं. ऐसा करने से भी शनि की कृपा आपको प्राप्त होगी.
पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
दीपक कैसे जलाएं?
पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाइए.
ध्यान रहे, तेल को व्यर्थ न करें.
मूर्ति या शीला पर तेल उड़ेलने की बजाय, थोड़ी मात्रा में दीपक में तेल भरकर जलाएं और शेष तेल किसी जरूरतमंद को दान कर दें.
शनि की पूजा करते समय आचरण कैसे रखें?
अगर आप लोगों से दुर्व्यवहार करते हैं, अपशब्दों का प्रयोग करते हैं, मांस-मदिरा का सेवन करते हैं और फिर भी शनि की कृपा चाहते हैं, तो यह संभव नहीं है.
शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए आचरण और व्यवहार में शुद्धता और विनम्रता लानी अनिवार्य है.
एक सामान्य व्यक्ति शनिदेव की पूजा कैसे कर सकता है ?
शनिवार के दिन प्रातः भगवान शिव या भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें.
फिर शाम के समय शनि देव के मंत्र का जाप करें.
दो प्रमुख मंत्र हैं :
1. “ॐ शं शनैश्चराय नमः”
2. “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
मंत्र जाप के बाद पीपल के वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं.
फिर पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनिदेव से अपने जीवन की समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करें.
दीपक जलाने के बाद किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं या खाने-पीन की चीजों का या अनाज का दान करें.
शनिवार को तामसिक भोजन (मांस, मदिरा आदि) का सेवन भूलकर भी न करें.
पूरे दिन शुद्धता और सात्विकता का पालन करें.
अगर आप श्रद्धा, विधि और सही आचरण के साथ शनिदेव की पूजा करेंगे, तो जीवन से शनि संबंधी कष्ट अवश्य दूर होंगे.